उत्तर भारत का प्राचीन मंदिर महावीर मंदिर(Mahavir Mandir) पटना का इतिहास

March 16, 2022
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देश के अग्रणी हनुमान मन्दिरों में से एक पटना के महावीर मंदिर को मनोकामना मंदिर माना जाता है, जहां हनुमान जी की युग्म प्रतिमाएं हैं।

हनुमान मंदिर पटना, जैसा की नाम से ही प्रतीति होता है यह मंदिर भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। यह प्रसिद्ध मंदिर, पटना जंक्शन से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।

पटना जंक्शन से बाहर निकलते ही इस मंदिर की झलक दिख जाती है। जैसे की हम जानते हैं की पटना एक एतिहासिक शहर रहा है। यहाँ एक से बढ़कर एक अनेकों दर्शनीय स्थल हैं।

जिसमें सम्राट अशोक कालीन अगम कुआं, बड़ी पटन देवी मंदिर (जिसके नाम पर पटना का नामांकरण हुआ), गोलघर, पटलीपुत्र के अवशेष, पटना साहिब गुरुद्वारा आदि प्रमुख हैं।

लेकिन महावीर मंदिर का अपना एक अलग इतिहास है। पटना जंक्शन के पास स्थित इस मंदिर में पटना नगर बसियों की वर्षों से आस्था जुड़ी हुई है।

लेकिन महावीर मंदिर का अपना एक अलग इतिहास है। पटना जंक्शन के पास स्थित इस मंदिर में पटना नगर बसियों की वर्षों से आस्था जुड़ी हुई है।

पटना के प्राचीन हनुमान मंदिर में मौजूद हैं युग्म प्रतिमाएं

पहली ‘परित्राणाय साधूनाम्’ जिसका अर्थ है अच्छे व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए और दूसरी ‘विनाशाय च दुष्कृताम्’ जिसका अर्थ है दुष्ट व्यक्तियों की बुराई दूर करना है. हनुमान का ये मंदिर आस्था का बडा केंद्र है. यहां मंगलवार और शनिवार के दिन सबसे अधिक संख्या में भक्त जुटते हैं. 

गर्भगृह तक जाती हैं महावीर मंदिर के धाम की सीढ़ियां
महावीर मंदिर का क्षेत्रफल करीब 10 हजार वर्ग फुट है.मंदिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है. मंदिर परिसर में प्रवेश करने के पश्चात बायीं तरफ एक चबूतरे पर सीढ़ियों की श्रृंखला है, जो गर्भगृह की ओर जाती है. 

मंदिर की पहली मंजिल पर देवताओं के चार गर्भगृह हैं. इनमें एक भगवान राम का मंदिर है, जहां से इसका प्रारंभ होता है. राम मंदिर के पास भगवान कृष्ण का चित्रण किया गया है, जिसमें वे अजुर्न को धमोर्पदेश दे रहे है. इससे अगला देवी दुर्गा का मंदिर है. इसके बाद भगवान शिव, ध्यान करती माँ पार्वती और नंदी-पवित्र बैल की मूर्तियां हैं जो लकड़ी के कटघरे में रखी गयी हैं. लकड़ी के कटघरे में शिव जी के ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया गया है. 

दक्षिण भारत के तिरुपति से आए कारीगर बनाते है ‘नैवेद्य’
महावीर मंदिर एक और विशेषता इसका प्रसाद ‘नैवेद्यम’ है, जिसे तिरुपति के कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है. इस प्रसाद में बेसन, चीनी, काजू, किशमिश, हरी इलायची, कश्मीरी केसर समेत अन्य सामग्री डालकर घी में पकाया जाता है. महावीर मंदिर का नैवेद्यम लड्डुओं का पर्याय है, जिसे हनुमान जी को अर्पित किया जाता है. संस्कृत भाषा में नैवेद्यम का अर्थ है देवता के समक्ष खाद्य सामग्री अर्पित करना.

उत्तर भारत का पहला मंदिर जिसने बनवाए पांच अस्पताल
मंदिर के द्वारा बहुत सारे समाजसेवी  योजनाएं चलाई जाती है. यह उत्तर भारत का पहला मंदिर है जिसने 5 बड़े अस्पतालों की स्थापना की है मंदिर द्वारा बनवाए गए सभी पांच अस्पतालों में मरीज को निशुल्क भोजन कराया जाता है. कोरोना काल के बीच दुबारा खुले मंदिर में लोगों को जागरुक किया जा रहा है. दर्शन के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

इसके अलाबा महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय तथा महावीर आरोग्य संस्थान का भी संचालन किया जा रहा है। जहां मामूली शुल्कों के साथ मानव सेवा का कार्य किया जा रहा है।

निःशुल्क भोजन

पटना के महावीर मंदिर में नित्य निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है। नित्य सैकड़ों की संख्या में भक्त राम-रसोई का प्रसाद ग्रहण करते हैं।

मंदिर खुलने का समय

इस मंदिर का खुलने का समय सुवह 5 बजे है। सुबह से ही भक्तों का मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ लग जाती है। महावीर मंदिर पटना, संध्या आरती के बाद रात के 10 बजे बंद होता है। मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

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